दीया मिर्जा शादी से पहले ही थीं प्रेगनेंट, बताया क्यों छिपाकर रखी थी यह बात
दीया मिर्जा शादी से पहले ही थीं प्रेगनेंट, बताया क्यों छिपाकर रखी थी यह बातबॉलिवुड ऐक्ट्रेस (Dia Mirza) ने 15 फरवरी को बिजनसमैन () से दूसरी शादी की थी। इसके लगभग डेढ़ महीने बाद ही दीया ने अपनी की घोषणा कर दी। इसके बाद कहा जाने लगा कि दीया ने प्रेगनेंट ( pregnancy) होने के कारण वैभव से शादी की थी। हालांकि अब दीया ने इस मुद्दे पर जवाब देकर बातें बनाने वाले लोगों का मुंह बंद कर दिया है। दीया ने बताया है कि आखिर उन्होंने क्यों शुरू में अपने प्रेगनेंट होने की बात छिपाई थी। इंस्टाग्राम यूजर ने प्रेंग्नेंसी छिपाए जाने पर पूछा सवाल एक इंस्टाग्राम यूजर ने दीया की पोस्ट पर कॉमेंट करते हुए लिखा, 'बहुत अच्छा, मुबारक हो। लेकिन परेशानी तो ये हैं कि इन्होंने शादी में महिला पंडित को बुलाकर तो स्टीरियोटाइप तोड़ने की कोशिश की मगर अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में शादी से पहले नहीं बता सकती थीं? क्या सिर्फ इसलिए कि शादी के बाद प्रेगनेंट होने के स्टीरियोटाइप को हम फॉलो करते हैं? आखिर एक महिला शादी से पहले प्रेगनेंट क्यों नहीं हो सकती?' दीया ने बताया- शादी से पहले ही थीं प्रेगनेंटइस इंस्टाग्राम यूजर को जवाब देते हुए दीया ने लिखा, 'दिलचस्प सवाल है। पहली बात हमने केवल इसलिए शादी नहीं की थी क्योंकि हमारा बच्चा होने वाला था। हम पहले शादी करके अपनी जिंदगी साथ बिताने का फैसला कर चुके थे। जब हम शादी की तैयारी कर रहे थे तभी हमें अपने आने वाले बच्चे के बारे में पता चल गया था। इसलिए शादी केवल प्रेग्नेंसी के कारण नहीं की गई। हमने प्रेग्नेंसी के बारे में मेडिकल कारणों से नहीं बताया था क्योंकि हम पहले जानना चाहते थे कि यह सेफ है या नहीं। यह मेरी जिंदगी की सबसे खुशी देने वाली खबर है जिसके लिए मैंने बहुत सालों से तक इंतजार किया है। मुझे मेडिकल कारणों को छोड़कर इसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं है।' दीया ने गिनाए अपने जवाब दिए जाने के कारणइस बारे में आगे दीया ने लिखा, 'मैं केवल इस बात का जवाब इसलिए दे रही हूं क्योंकि 1) जिंदगी में बच्चे को पाना एक बेहद खूबसूरत तोहफा है, 2) इस खूबसूरत सफर के साथ किसी भी तरह की शर्म को नहीं जोड़ा जाना चाहिए, 3) एक महिला होने के नाते हमें हमेशा अपनी पसंद का ध्यान रखना चाहिए, 4) चाहे सिंगल रहते हुए बच्चे के पैरंट बनने की बात हो या शादी के बाद, ये सभी हमारी चॉइस हैं, 5) एक समाज के तौर पर हमें सारे स्टीरियोटाइप को तोड़ देना चाहिए कि क्या गलत है और क्या सही, बजाय इसके हमें खुद से पूछना चाहिए कि क्या उचित है और क्या अनुचित।'
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